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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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बूढ़ा, लाचार, इंसान अक्सर अकेला रह जाता है। इंतज़ार करते करते एक और शाम बीत जाएगी !! हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है। मियाँ ये आशिक़ी इज़्ज़त बिगाड़ देती है…” “कहानी अधूरी होती है, तो जीने का मज़ा सुनहरा होता है।” शहर बड़ा है, लेकिन इंसान एक https://youtu.be/Lug0ffByUck

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